Mayank Yadav: भारतीय क्रिकेट जगत में सुर्खियाँ बटोर रहे हैं, प्रशंसकों और चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं। उनके हालिया प्रदर्शन ने उन्हें सबसे होनहार युवा क्रिकेटरों में से एक के रूप में स्थापित किया है। आइए उनके सफ़र, प्रमुख उपलब्धियों और क्रिकेट की दुनिया में उन्हें अलग पहचान दिलाने वाली बातों पर करीब से नज़र डालें।
Mayank Yadav: प्रारंभिक जीवन और क्रिकेट पृष्ठभूमि
17 जुलाई 2002 को दिल्ली के मोती नगर में जन्मे मयंक यादव का क्रिकेट के प्रति जुनून छोटी उम्र से ही शुरू हो गया था। कई महत्वाकांक्षी क्रिकेटरों की तरह, उन्होंने स्थानीय मैदानों पर अपने कौशल को निखारना शुरू किया, जिसमें अपार प्रतिभा और समर्पण का प्रदर्शन किया। उनके शुरुआती कोचों ने उनकी क्षमता को पहचाना और उन्हें क्रिकेट को और अधिक गंभीरता से लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
- मयंक यादव का जन्म 17 जुलाई 2002 को दिल्ली के मोती नगर इलाके में हुआ था
- मयंक के पिता प्रभु यादव क्रिकेट के प्रशंसक हैं और उन्होंने ही मयंक को पांच साल की उम्र में बल्ला और गेंद दी थी
- मयंक ने सात साल की उम्र में रोहतक रोड स्थित जिमखाना क्रिकेट क्लब में दाखिला लिया।
- मयंक के पिता ने उनका दाखिला दिल्ली स्थित सोनेट क्रिकेट अकादमी में करा दिया।
- मयंक ने 16 साल की उम्र में 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी शुरू कर दी थी।
- मयंक ने 11 अक्टूबर 2022 को मणिपुर के खिलाफ दिल्ली के लिए अपना ट्वेंटी-20 डेब्यू किया।
- फरवरी 2023 में लखनऊ सुपर जायंट्स ने उन्हें 20 लाख रुपये में खरीदा।
- मयंक ने आईपीएल 2024 में पंजाब किंग्स के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता।
राष्ट्रीय सुर्खियाँ
भारत और बांग्लादेश के बीच टी20 सीरीज शुरू होने से पहले अगर किसी एक चीज की सबसे ज्यादा चर्चा थी तो वो थे मयंक यादव। हर कोई ये जानने को उत्सुक था कि उन्हें ग्वालियर में भारत के लिए डेब्यू करने का मौका मिलेगा या नहीं। अब इंतजार खत्म हुआ क्योंकि इस तूफानी तेज गेंदबाज को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया और उन्होंने अपने फैंस को निराश नहीं किया।
मेडन ओवर से करियर की शुरुआत
ग्वालियर के नवनिर्मित श्रीमंत माधवराव सिंधिया क्रिकेट स्टेडियम में बांग्लादेश के खिलाफ मयंक यादव ने अपना पहला ओवर मेडन फेंका। मयंक यादव से पहले भारत के लिए अपने पहले टी20 मैच में सिर्फ अजीत अगरकर और अर्शदीप सिंह ही मेडन ओवर से शुरुआत कर पाए थे। मयंक ने अपनी पहली 12 गेंदों में आठ डॉट बॉल फेंकी। तीन सिंगल दिए और एक विकेट लिया। टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला करने वाले भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने छठे ओवर में ही उन्हें आक्रमण पर लगा दिया। मयंक यादव ने चार ओवर में 21 रन देकर एक विकेट लिया।
टीम इंडिया में सीधे एंट्री मिली
आपको जानकर हैरानी होगी कि मयंक को अपनी खास प्रतिभा की वजह से टीम इंडिया में सीधे एंट्री मिली। दरअसल, किसी भी खिलाड़ी को राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के लिए घरेलू क्रिकेट में अपनी फिटनेस साबित करनी होती है, लेकिन खास प्रतिभा वाले 22 वर्षीय मयंक के मामले में ऐसा नहीं हुआ। जब हेड कोच गौतम गंभीर लखनऊ सुपरजाइंट्स के मेंटर थे, तब उन्होंने मयंक यादव के खेल को करीब से देखा था, और इसका फायदा भी उन्हें मिला।