Bihar Land Survey: बिहार के 10 हजार गांवों का नया खतियान तैयार, अब तक 38 लाख रैयतों ने भरा सर्वे फार्म

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Bihar Land Survey Patna: बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण अभियान के तहत 10 हजार से अधिक गांवों (कुल 9889 गांव) का नया खतियान तैयार किया गया है। इसके तहत अब तक करीब 38 लाख रैयतों ने अपनी जमीन का ब्योरा जमा किया है। सरकार का लक्ष्य 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में भूमि सर्वेक्षण का काम पूरा करना है। सर्वेक्षण अधिकारियों का दावा है कि तय समय सीमा के अंदर काम पूरा कर लिया जाएगा। इस बीच, बचे हुए 25 हजार गांवों में खतियान लिखने का काम भी तेजी से चल रहा है, ताकि समय पर सभी मौजों का रिकॉर्ड तैयार किया जा सके।

अब तक 37.98 लाख आवेदन प्राप्त हुए, 2.49 लाख अपलोड होना बाकी

बिहार के भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की निदेशक जे प्रियदर्शिनी ने हाल ही में सर्वेक्षण कार्य की समीक्षा बैठक की। बैठक में बताया गया कि अब तक प्रपत्र-2 के रूप में 37 लाख 98 हजार 514 (लगभग 38 लाख) स्व-घोषणा पत्र जमा किए जा चुके हैं। इनमें से 15.55 लाख रैयतों ने अपने दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड कर दिए हैं, जबकि 19.93 लाख रैयतों ने सर्वेक्षण शिविरों के माध्यम से ऑफलाइन आवेदन किया है, जिसे बाद में सर्वेक्षण कर्मियों ने ऑनलाइन कर दिया। वहीं, 2.49 लाख आवेदन अभी भी ऑनलाइन किए जाने हैं, जिन्हें जल्द से जल्द वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है।

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रोहतास में सबसे ज्यादा आवेदन, भोजपुर पीछे

सर्वे के दौरान सबसे ज्यादा फॉर्म-2 रोहतास जिले से प्राप्त हुए हैं, जहां 3.93 लाख आवेदन किए गए हैं। वहीं, 2.95 लाख आवेदनों के साथ गया जिला दूसरे स्थान पर है। वहीं, भोजपुर जिले से सबसे कम 33,355 स्वघोषणा पत्र जमा किए गए हैं, जबकि 34,594 स्वघोषणा पत्रों के साथ पूर्वी चंपारण नीचे से दूसरे स्थान पर है। निदेशालय ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि वे ज्यादा से ज्यादा रैयतों से संपर्क कर उन्हें स्वघोषणा पत्र अपलोड करने के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि जमीन का सही और अद्यतन रिकॉर्ड तैयार किया जा सके।

Bihar Land Survey: 42287 मौजा में ग्राम सभाएं आयोजित, 39822 वेबसाइट पर अपलोड

बिहार में कुल 42445 मौजा में भूमि सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है, जिसमें से 42287 मौजा में ग्राम सभा का आयोजन किया जा चुका है। वर्तमान में 39822 मौजा के अभिलेख निदेशालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं। निदेशक ने शेष मौजा के अभिलेख शीघ्र ही वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया है, ताकि भूमि सर्वेक्षण कार्य में पारदर्शिता एवं सुगमता सुनिश्चित की जा सके।

2025 के विधानसभा चुनाव से पहले सर्वे का काम पूरा हो जाएगा

बिहार सरकार 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भूमि सर्वेक्षण का काम पूरा करने की कोशिश में है। इसके तहत सभी जिलों के अधिकारियों को नियमित रूप से सर्वेक्षण की प्रगति की समीक्षा करने और किसी भी तरह की देरी से बचने का निर्देश दिया गया है। सरकार चाहती है कि यह सर्वेक्षण कार्य समय पर पूरा हो जाए, ताकि रैयतों के अधिकार और उनके भूमि रिकॉर्ड को अपडेट किया जा सके।

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नोट: भूमि सर्वेक्षण का यह कार्य बिहार के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जिससे राज्य के किसानों और रैयतों को अपनी भूमि के स्वामित्व से संबंधित जानकारी प्राप्त करने में सुविधा होगी। साथ ही भूमि विवाद में भी कमी आएगी और विकास कार्यों के लिए भूमि की सही स्थिति का पता लगाना संभव हो सकेगा।

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